कांग्रेस ने माइकल लोबो और दिगंबर कामत पर भाजपा के साथ मिले हुई होने का आरोप लगाया
पणजी: गोवा में कांग्रेस चाहती है कि उसके 11 विधायकों में से दो विधायक दिगंबर कामत और माइकल लोबो को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किए जाएं, और इसके लिए कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से याचिका दायर की है।
सूत्रों ने कहा कि आज सुबह एक बैठक में विधायककी उपस्थिति का हवाला देते हुए कांग्रेस के पास अब भी उसके साथ सात विधायक हैं। लोबो और कामत के अलावा, और भी दो विधायक केदार नाइक और श्री लोबो की पत्नी दलीला लोबो संपर्क में नहीं हैं। संकट से निपटने के लिए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक की नियुक्ति की है। और आज शाम को विधायक दल यानी सभी विधायकों की एक बैठक बुलाई है, बैठक के वकत ही पता चलेगा की इतने विधायक कांग्रेस के साथ है।
ऐसी अटकलें थीं कि कामत और लोबो वो छह विधायकों में से थे, जो भाजपा में शामिल हो सकते हैं, भाजपा ने जोर देकर कहा है कि उसका इस संकट से कोई लेना-देना नहीं है।
कांग्रेस पहले ही विपक्ष के नेता माइकल लोबो को हटा चुकी है। लोबो, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में चुनाव से ठीक पहले भाजपा से कांग्रेस में प्रवेश किया था, उन्होंने कहा था की, “किसी ने भी मुझसे संपर्क नहीं किया है और इस तरह (दलबदल के बारे में) कोई विचार नहीं है।”
ठीक तीन साल पहले, कांग्रेस की विधानसभा की दो-तिहाई संख्या उस समय के 15 में से 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। दोबारा ऐसा संकट न पैदा हो इसके लिए कांग्रेस ने इस साल अपने उम्मीदवारों से वफादारी का संकल्प दिलवाया था।
अब, ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी ने दलबदल को रोकने के लिए और बागी विधायकों से बात करने के लिए वरिष्ठ नेताओं को तैनात करके तेजी से काम किया है।
कांग्रेस प्रभारी राव ने कहा है कि दोनों नेता अपने व्यक्तिगत कारणों से दलबदल करने की कोशिश कर रहे थे: “एक व्यक्ति दिगंबर कामत ने अपनी त्वचा की रक्षा के लिए ऐसा किया क्योंकि बहोत सारे मामले उनके खिलाफ हैं; और दूसरा व्यक्ति माइकल लोबो ने सत्ता और पद के लिए दलबदल की कोशिश की है । भाजपा सभी विपक्ष को खत्म करना चाहती है।”