बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद यह घोषणा की।
उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए शनिवार को भाजपा की संसदीय दल की बैठक हुई। दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में हुई बैठक में अमित शाह, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान मौजूद थे. बैठक में सर्वसम्मति से जगदीप धनखड़ के नाम को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि एनडीए ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है.
अब विपक्ष करेगा उपराष्ट्रपति का ऐलान
एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा के बाद अब विपक्ष भी अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की घोषणा करेगा.
उपराष्ट्रपति का चुनाव 8 अगस्त को होगा
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होने जा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए से द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष से यशवंत सिन्हा मैदान में हैं।
भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने घोषणा करते हुए धनखड़ को “किसान पुत्र” (किसान का बेटा) बताया, जिन्होंने खुद को “जनता के राज्यपाल” के रूप में स्थापित किया। जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से, जगदीप धनखड़ अक्सर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अपनी असहमति और झगड़ों को लेकर चर्चा में रहे हैं।
हाल ही में, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल धनखड़ ने राज्य में ममता बनर्जी सरकार की तुष्टिकरण की राजनीति पर तीखा हमला किया था, भाजपा नेताओं ने उल्लेख किया कि धनखड़ तीन दशकों से अधिक समय से सार्वजनिक जीवन में हैं, और उनकी जीवन कहानी नए भारत की भावना को दर्शाती है, “अनगिनत सामाजिक और आर्थिक बाधाओं को पार करके उसने अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया है”।
इससे पहले ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम चेहरा के रूप में मुख्तार अब्बास नकवी को उपराष्ट्रपति पद के लिए पसंद करेगी। नकवी ने बुधवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, जिससे कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें जल्द ही एनडीए की और से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में खड़ा किया जा सकता है। राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने से एक दिन पहले ही नकवी ने इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी बात मान ली और उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया.
लेकिन अब सभी अटकलों का अंत आ गया है, अब क्या नकवी को बंगाल के राजयपाल के रूप में भेजा जा सकता है या उसको कोई अन्य जिम्मेदारी दी जाती है, वो तो आनेवाला समय ही दिखायेगा।
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